खाने -पीने के बढ़ते विकल्पों और रोजमर्रा की भागदौड़ ने खानपान गड़बड़ा दिया है। हम डिब्बाबंद चीजें जंक पूफड व तला भुना अधिक खाने लगे हैंै। बेहतर सेहत के लिए डाइट में हरी सब्जियाँ सलाद व पफल खाएँ। मौसमी पफल -सब्जियां खाएँ। पोषक तत्वों की पूर्ति पर ध्यान दें। एक सामान्य सिद्वांत है कि जितना और जिस तरह का भोजन करने के बाद आप ऊर्जावान महसूस करते हैं उसी तरह का भोजन करें। सुबह नाश्ता जरूर करें।
रात में हल्का और कम भोजन करना पाचन ठीक रखता है। इससे नींद भी अच्छी आती है। यूनिवर्सिटी आॅपफ कैलिपफोर्निया में हुए शोध के अनुसार कोलेस्ट्राॅल वसा और शर्करा की उच्च मात्रा वाले पश्चिमी शैली के पफास्ट पूफड अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा पैदा करते हैं।
मोटापे से रहें दूर
मोटापा शरीर में कई रोगों की आशंका बढ़ा देता हैं। कमर की चैड़ाई 34 इंच से ज्यादा है तो सावधान हो जाएँ। वजन कम रखने के लिए कम वसा वाली चीजे खाएँ। रोज तेज कदमों से पैदल चलें। पफल व सलाद खाएँ। धीरे -धीरे और खूब चबाकर खाएं। पफाइबर और पानी ज्यादा लें। वही यह ध्यान रखें कि डाइटिंग मेें बहुत कम खाना भी कुपोषण का शिकार बना सकता है। भोजन की मात्रा कम ले रहे हैं तो भी पर्याप्त पोषण मिलता रहे इसका ध्यान रखें।
पानी पीने की आदत
शरीर के अवयवों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। थोड़ी -थोड़ी देर बाद पानी पीते रहने से शरीर के अंग ढंग से काम कर पाते हैं। पानी की कमी से डिहाइडेªशन, गुर्दे की पथरी, जोड़ों मेें दर्द समय से पहले बुढ़ापा जैसी समस्याएँ आ सकती हैं। पेट के अंदरूनी भाग में म्यूकोसल लाइनिंग होती है, जिसमें 2 प्रतिशत सोडियम बाइकार्बोनेट और 98 प्रतिशत पानी होता है। इससें पाचन तंत्रा ठीक रहता है और हानिकारक अम्लों से पेट की सुरक्षा होती है। पानी की कमी होने पर हानिकारक अम्ल सव्रिफय हो जाते हैं जिससें पेट में छाले, अपच, गैस जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। वयस्क 8-10 गिलास पानी पिएँ। मेहनतकश लोगों को ज्यादा पानी पीना चाहिए।
सावधानी: ज्यादा पानी पीने का मतलब जरूरत से ज्यादा पानी पीना नही है। शरीर में अधिक पानी पीने पर सोडियम का स्तर तेजी से घटने लगता है और दिमाग में सूजन पैदा हो सकती है। किडनी की समस्या है या बाईपास सर्जरी हुई हो तो डाॅक्टर की सलाह से पानी की मात्रा निर्धारित करें।
चीनी कम
चीनी को सपफेद जहर कहा जाता है और इस बात में दम है। खाने-पाने की ंिडब्बाबंद चीजों के प्रचलन के चलते हम चीनी जरूरत से ज्यादा खा रहे हैं। पंद्रह साल तक किए गए एक शोध का नतीजा है कि जो लोग रोजमर्रा की जरूरत से 25 प्रतिशत भी ज्यादा चीनी वाली कैलरी लेते हैं उनमें हृदय रोगों की आशंका दोगुनी हो जाती है। हालांकि शोध जारी हैं पर विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा चीनी खाने से त्वचा रोग, सूजन डिप्रेशन घबराहट व कैंसर आदि की आशंकाएँ बढ़ जाती हैं। विभिन्न शोधांे के अनुसार चीनी खाने के बाद यह हमारे खून में घुलती है तो इसमें कुछ ऐसे प्रोटीन मिल जाते हैं जिनसे बुढ़ापा जल्दी दस्तक देता है। डब्ल्यूएचओ का सुझाव है कि भोजन में शुगर की मात्रा कुल कैलरी के दस प्रतिशत से कम ही होनी चाहिए। यह पाँच प्रतिशत तक हो तो ज्यादा अच्छा है। थोड़ी मात्रा में गुड़ लेना बेहतर है। शहद एंटीआक्ॅसीडेंट से भरपूर है व इम्यूनिटी बढ़ाता है।
गैजेट का इस्तेमाल कम करंे
मशीनों व तकनीकी गैजेट्स ने जिंदगी को आसान बनाया है पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता सही नही है। इससे शारीरिक निष्क्रियता का खतरा बढ़ रहा है। खासकर इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल स्व्रफीन पर ज्यादा देर तक निगाह गड़ाए रखने से आँखों पर बुरा असर पड़ता है। मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभावों पर कई शोध हो रहे हैं। ईयर पफोन का ज्यादा इस्तेमाल सुनने की क्षमता पर असर डालता है।
सावधानी: मीठा पूरी तरह बंद न करें। पफल सब्जी या मेवों से मिलने वाली प्राकृतिक मिठास शरीर के लिए जरूरी है। डायबिटीज पीड़ित जरूर डाॅक्टर की सलाह से खाएँ।
नींद भरपूर लें
एक सामान्य व्यक्ति के लिए हर दिन छह से आठ घंटे की नींद जरूरी है। यों सामान्य नियम यह है कि जितनी नींद के बाद आप खुद को तरोताजा महसूस करें उतनी नींद जरूर लें। कम नींद हो तो आलस्य बढ़ता है और कार्यक्षमता घटने लगती है। अमेरिका में शिकागो के इलिनायॅस विश्वविद्यालय में हुए शोध का निष्कर्ष है कि कम और अधूरी नींद क्राॅनिक किडनी डिजीज का कारण बन सकती है। महिलाओं के लिए कम नींद टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है। याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है। निष्कर्ष यह है कि नींद भरपूर लें। रोज सही समय पर सोएँ और सही समय पर जागें। अनिद्रा मे शिकार हों तो डाॅक्टर से मिलें।
सावधानी रखें: शोधों के अनुसार ज्यादातर वयस्क लोगों के लिए आठ घंटे से ज्यादा सोना नुकसानदेह है। इससे मधुमेह और अवसाद का खतरा बढ़ता है। एक शोध में पाया गया कि जो महिलाएँ आठ घंटे से ज्यादा सोती हैं वे 44 फीसद से ज्यादा रिएक्टिव प्रोटीन से ग्रस्त है इससे रोग उन्हें आसानी से घेर सकते हैं। सर्दी में दिन में सोने से बचें।
देर तक बैठकर काम करना
दुनियाभर में 4 पफीसदी मौतों का कारण घंटों बैठे रहने से पैदा हुए रोग हैं। अगर एक मुद्रा में देर तक बैठकर काम करते हैं तो इस आदत को बदलें। अमेरिकन हार्ट इंस्टीट्यूट की रिसर्च का नतीजा है कि एक ही जगह पर तीन-चार घंटे लगातार बैठकर काम करना हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। गर्दन व कमर दर्द कम उम्र से ही परेशान करने लगते हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि हर घंटे-डेढ़ घंटे बाद पाँच-दस मिनट टहलें। हर रोज आधा घंटा व्यायाम जरूर करें।
योग और व्यायाम
तन व मन को संतुलित रखने के साथ नियमित योग व व्यायाम करना शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक रखता हैं। नियमित आधे से एक घंटे का समय व्यायाम को दें। सवेरे खाली पेट योग-व्यायाम करना बेहतर है पर एक साथ समय न मिल पाए तो दो-तीन हिस्सों में बाँटकर भी कर सकते हैं। हालंाकि किसी कुशल योग प्रशिक्षक से सीखने के बाद ही योग करें। धीरे-धीरे शरीर की क्षमता को बढ़ाएँ।
स्क्रीन टाइम घटाएँ
टीवी कंप्यूटर या मोबाइल की स्क्रीन को लगातार देखना या झुककर काम करते रहना ठीक नही है। आँखों में खुश्की खुजली व कमजोर नजर जैसी समस्याएँ हो जाती है। गर्दन कलाई पीठ और कमर में अकड़न व दर्द रहने लगते हैं। बढ़ता स्कृीन टाइम हृदय रोगों के खतरे बढ़ा रहा है। हर बीस मिनट बाद स्व्रफीन से नजर हटाएँ और बीस मीटर दूर के दृश्य या पेड़ आदि को बीस सेकेंड तक निहारिए। एक ही मुद्रा में न बैठें।
तनावमुक्त रहें
तनावमुक्त जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाएँ। न्यूयाॅर्क के बेथ इजरायल मेडिकल सेंटर का निष्कर्ष है कि कम नीेेेंद व्यायाम न करना अस्वस्थ और असंतुलित भोजन करना परिवार व परिचितों से लंबे समय तक दूर रहने से तनाव पैदा हो सकता है। वर्तमान में करीब 70 प्रतिशत रोगों का कारण तनाव से बचना है तो आराम करें। लोगों से मिले-जुलें। घूमें ध्यान व योगनिद्रा का अभ्यास करें।
सेहत के लिए खुद को बदलिए