मोबाइल पफोन से हो रहा है आँखों को नुकसान


ब्रिटेन में डिजिटल पफर्म की रिपोर्ट में मुताबिक एक व्यक्ति दिन में 221 बार अपने मोबाइल पफोन की स्व्रफीन देखता है। इस तरह वह हफ्रते का एक दिन स्मार्टपफोन पर ही गुजार देता है।
इस सर्वे वेफ आधर पर तकनीक वेफ बढ़ते इस्तेमाल का अंदाजा लगाया जा सकता है। पिफर बच्चों को स्वूफल और बड़ों को आॅपिफस में रोज आठ घंटे तक कम्प्यूटर वेफ सामने बिताने पड़ते हें। इन इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों से सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को पहुंचाता है। विशेषज्ञों ने कई घरेलू उपचार बताए हैं, जिनसे हम आंखों की थकान को कम कर सकते हैं।
चश्मे बिना बाहर न निकले
आंखें खराब तो चश्मे पहने बिना घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। वहीं आखांें को तरावट देेने वेफ लिए वृफत्रिम आंसू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आंखों का व्यायाम
20 पफीट की दूरी पर किसी भी वस्तु को 20 सेवेफंड वेफ लिए देखें। इस प्रव्रिफया को कई बार दोहराएं।
साॅफ्रटवेयर दिलाते ब्रेक की याद
कम्प्यूटर में वुफछ स्पेशल साॅफ्रटवेयर जैसे आई लियो, आई रेव का चुनाव करें। ये साॅफ्रटवेयर एक निश्चिंत अंतराल में आपको ब्रेक की याद दिलाता है।
दूर रखें स्व्रफीन
आप अपने कम्प्यूटर या लैपटाॅप की स्व्रफीन को अपने से 20 से 26 इंच की दूरी पर रखिए साथ ही इस बात का भी ध्यान रखिए कि कम्प्यूटर या लैपटाॅप आपवेफ आई लेवल से कम हो। स्मार्टपफोन का इस्तेमाल अंध्ेरे में न करें।
ये भी आजमाएं।
ज्यादा से ज्यादा नींद, पलकों को लगातार झपकाएँ, गाजर, मछली जैसे आहार का सेवन, प्र्याप्त मात्रा में पानी पिएं, आंखों पर खीरे का टुकड़ा रखें।
गुलाब जल का कमाल
यह तनावपूर्ण और थकी हुई आँखों वेफ लिए एक प्रावृफतिक रिलैक्सर वेफ रूप में काम करता है। इसवेफ रोजाना इस्तेमाल से आँखों का गीलापन भी बरकरार रहता हैं इसवेफ इस्तेमाल वेफ लिए सबसे पहले आँखों पर ठंडा पानी छिड़वेफ और पिफर इसे तौलिए से सापफ करें। रूई से बने दो गोलों को गुलाब जल में डुबोए और आंखों पर रख दें। दिन में दो बार ऐसा करने से कापफी पफायदा होगा।