जीवन का प्राणवायु वृृक्ष 

आज मैं मेरी थकान दूर करने वेफ लिए घर वेफ बगीचे में टहल रही थी। तभी मेरा ध्यान एक वृक्ष की ओर आकर्षित हो गया और मेरा मन सोचने लगा कि प्रवृफति ने हमारे जीवन की भलाई वेफ लिए बहुत सी चीजों को बनाया है। जिससे हम अपने जीवन को सुखमय बना सवेंफ और अपने जीवन की प्रत्येक समस्याओं को अच्छी तरह से समाधान कर सवेंफ।
पौंधे, पफल-पूफल, ईंधन, बाँस, खनन, धातु, जड़ी बूटियाँ आदि बहुत सी चीजें हैं और हमारा ध्यान एक ऐसे वरदान की ओर वैफन्द्रित करते हैं जो अत्यंत दयालू हैं वृक्ष हमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रफप से जीवन प्रदान करते हैं, क्योंकि ये आॅक्सीजन उत्पादन कार्बन डाई-आॅक्साइड उपयोग का ड्डोत है। बारिश का ड्डोत है। पौधें हमें आॅक्सीजन प्रदान करते हैं, जो कि हमारे जीवन जीने वेफ लिए अत्यंत आवश्यक है। 
इसवेफ साथ ही कार्बन डाई-आॅक्साइड अवशोषित करते है। बहुत से लोग अपना जीवन व्यतीत करने वेफ लिए आर्थिक रूप से पेड़-पौधों पर निर्भर होते हैं। प्रवृफति की तरपफ से धरती पर मनुष्य को दिया गया ये सबसे अनमोल उपहार है। जिसका हमें आभारी होना चाहिए तथा इसको सम्मान देने वेफ साथ मानवता की भलाई वेफ लिए संरक्षित करना चाहिए। वृक्षों वेफ बिना जीवन अपूर्ण है या यूँ कह सकते हैं कि जीवन असंभव है। पेड़-पौधों की वजह से ही आज इस संसार में हरियाली है। अपनी धरती माँ हरित है और इन्हीं की वजह से आज हम जीवित है। पशु-पक्षी इनका जीवन भी पेड़-पौधों पर निर्भर होता है। पशु घास और पेड़ों वेफ पत्तों को ही खाते हैं। मनुष्य को भोजन भी इन्हीं से प्राप्त होता है। वृक्ष हमारी पृथ्वी को रंगीन बनाते हैं। इनकी हरियाली और पूफलों वेफ रंग धरती की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। बहुत से पेड़ ऐसे होते हैं जो हमें बहुत सी बीमारियों से बचाते हैं। इन्हीं से हमें कई तरह वेफ पदार्थ मिलते हैं। जैसे की रबड़, पुस्तक वेफ कागज, गोंद, दातुन, दवाई, पफर्नीचर आदि और जानवरों और छोटे जीवों वेफ लिए निवास का काम भी करते हैं। यहाँ तक कि ग्रंथ आदि लिखने वेफ लिए जिस सामग्री का प्रयोग किया जाता था।
मानव ने गुपफाओं से बाहर निकलकर झोंपड़ियों का निर्माण आरम्भ किया तो उसमें भी वृक्षों की शाखाएँ व पत्ते ही काम आते थे। पूजा सामग्री में पूफल और पत्तों का इस्तेमाल पुरातन काल से होता आ रहा हैं आज भी पफर्नीचर का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। इस तरह मनुष्य जन्म लेने वेफ बाद से मृत्यु तक वृक्षों एवं उनसे प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर निर्भर रहता है। कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पेड़-पौधों वेफ महत्त्व को समझाते हुए कहा है कि पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बोलने का अथक प्रयास है ये पेड़।
इनकी छाया से पशु-पक्षी ही नहीं मानव भी चैन की सांस लेते हैं। 40 से 50 प्रतिवर्ष वायु प्रदूषकों का लगभग 20 पाउफण्ड हटाने में मदद करता है। पेड़, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण को घटाने का अच्छा साधन है। अल्ट्रा वाॅयलेट किरणों से बचाने वेफ लिए हमें एक मजबूत कवच प्रदान करता है। वृक्षों का मूल्य नहीं आंका जा सकता। अतएव वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन बहुत आवश्यक है। और भूमि उपजाउफ बनाने में भी जरूरी है। भारत सरकार भी विभिन्न राज्यों में वृक्षारोपण वेफ लिए अनेक प्रकार की योजनाओं पर कार्य कर रही है। इसवेफ अतिरिक्त विभिन्न राज्यों में वृक्षारोपण वेफ लिए अनेक प्रकार की योजनाओं पर कार्य कर रही है। 
इसवेफ अतिरिक्त विभिन्न प्रकार वेफ गैर सरकारी संगठन वृक्षारोपण का कार्यव्रफम करते हैं। इन कार्यव्रफमों को प्रोत्साहन देने वेफ लिए लोगों को वृक्षों से होने वाले लाभ से अवगत करना होगा।
वुफछ संस्थाएँ तो वृक्षों को गोद लेने की परंपरा भी कायम कर रही है। शिक्षा वेफ पाठ्यव्रफम में वृक्षारोपण को भी महत्वपूर्ण स्थान देना होगा। पेड़ लगाने वाले लोगांे को प्रोत्साहित करना होगा। यदि हम चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो एवं हम पर्यावरण की सुरक्षा वेफ सामंजस्य रखते हुए संतुलित विकास की ओर अग्रसर होगा तो इसवेफ लिए हमें अनिवार्य रूप से आवश्यकत है हर एक व्यक्ति ने कम से कम पेड़ लगाकर और उसकी अच्छी तरह से परवरिश करनी चाहिए। यह हम सभी का कर्तव्य है।