डॉ. साधना मित्तल
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक
औषधीय गुणों हल्दी एक महत्वपूर्ण औषधि है। इसका उपयोग रसोई घर से लेकर मांगलिक कार्यों तक किया जाता है, घरेलू उपचार के रूप में भी इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं में हल्दी लाभदायक साबित होती है। घाव में उपयोगी : यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो प्रभावित व्यक्ति को हल्दी वाला दध पिलाएं। यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता। डायबिटीज में लाभकारी : हल्दी डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसके लिए हल्दी को एक चम्मच आंवले के रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गिलोय के रस के साथ मिलाकर पिएँ। दूध के साथ हल्दी का सेवन : हल्दी, मंजिष्ठा, गेरू, मुलतानी मिट्टी, गुलाब जल, एलोवेरा एवं कच्चे दूध को मिलाकर लेप तैयार करें। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है। हल्दी वाला दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है। यदि आप नजले, जुकाम, खाँसी से परेशान हैं, तो गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पिएँ, इससे लाभ होगा। रोज सुबह खाली पेट गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें, तो शरीर के दर्द, पेट के रोग आदि से छुटकारा पा सकते हैं। न रक्त की सफाई करे हल्दी : हल्दी के सेवन से रक्त साफ होता है। इसके सेवन से रक्त में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। अगर चोट लगने पर तेजी से खून बह रहा है, तो आप उस जगह तुरंत हल्दी डाल दें। इससे खून बहना रुक जाएगा। स्त्रियों के लिए हल्दी का उपयोग : महिलाओं में होने वाले श्वेत प्रदर या ल्युकोरिया जैसे रोगों में हल्दी अत्यंत गुणकारी औषधि है। इसके लिए पाँच ग्राम हल्दी और अंजीर के तीन टुकड़े का सेवन करने से लाभ होता है
मोटापा दूर करे : मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी। हल्दी के अन्य प्रयोग • हल्दी, खाने वाला चूना और शहद का लेप बना कर इसे मोच, ऐंठन, चोट या शरीर में आई सजन वाली जगह पर लगाने से तुरंत लाभ होता है। • एनीमिया, पीलिया, बवासीर, साँस के रोग और लगातार हिचकी आने की स्थिति में हल्दी और काली मिर्च के धएँ को सूघन स लाभ होता है। • चर्म रोगों में एक चम्मच कच्ची हल्दी और एक चम्मच आँवले के रस को पानी के साथ लेने से लाभ होता है। • देसी घी से यदि दुर्गंध आ रही हो, तो उसे दूर करने के लिए हल्दी के पत्तों को पीसकर घी के साथ उबाल लें। इसके बाद इसे छान लें। इससे घी की दुर्गध दूर हो जाएगी• खुजली, दाद या त्वचा पर चकत्ते पड़ जाने पर हल्दी को गौ मूत्र के साथ मिलाकर इसका लेप प्रभावित जगह पर लगाएं, इससे जल्द आराम मिलेगा। • हल्दी की गाँठों को नियमित रूप से चूसने से खाँसी में राहत मिलती है। खाँसी में हल्दी को भूनकर आधा चम्मच शहद या देसी घी के साथ खाने से भी लाभ होता है। . जकाम होने पर हल्दी पाउडर या हल्दी की गाँठ को चूल्हे पर गर्म कर इससे निकलने वाले धुएँ को सँघु, लाभ होगा. सिरदर्द होने या चक्कर आने पर हल्दी का लेप सिर पर लगाने से लाभ होता होता है। बरतें सावधानी : हल्दी का सेवन 3 से 5 ग्राम की मात्रा में ही करना चाहिए। विशेष स्थिति में आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से इसका सेवन करना चाहिए।