हर तरफ कोरोना वायरस की चर्चा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग इससे बचने के देसी नुस्ऽे शेयर कर - रहे हैं। उन नुस्ऽों पर आंऽ बंद कर विश्वास तो नहीं कर सकते, मगर कुछ सावधानियां बरत कर आप कोरोना के ऽतरे को कम तो कर ही सकते हैं। इससे आप अन्य मौसमी बीमारियों से भी लड़ पाएंगे
वर्तमान में जिस महामारी से हम जूझ रहे हैं, वह हमारे लिए चिंता का विषय बन गया है। पूरी दुनिया इस एक सूक्ष्म अदृश्य शत्रु के आगे बेबस नजर आ रही है। विश्वास रऽें, इस महामारी को हम हरा सकते हैं, बस हमें इन कुछ सिद्धांतों परकाम करना पड़ेगा- सतर्कता, स्वच्छता, रोग प्रतिरोधक क्षमता। इनमें से एक में भी चूक होने से आपका ही नुकसान होगा।
सतर्क रहें, स्वस्थ रहें
कहते हैं सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। यही फॉर्मूला सेहत के साथ भी लागू होता है। मतलब, इस मामले में हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हमें अपने मिलने जुलने वाले व्यक्तियों से तथा बाहरसे आए सामान से सावधान रहना होगा।
स्वच्छता में लापरवाही नहीं
स्वच्छता बहुत जरूरी है। घर के आसपास मल इकट्टòा न होने दें। हाथों को दो-तीन बार साबुन से धोएं। साबुन को कम से कम 20 सेकंड तक उंगलियों से लेकर कलाइयों तक अच्छे से रगड़ें, क्योंकि साबुन के झाग बनने के बाद हाथों से वायरस को समाप्त होने में 20 सेकंड का समय लगता है, इसी तरह स्नान भी करें, विशेषकर जब आप बाहर से आए हों या बाहर के किसी व्यक्ति से मिले हों। घर के बाहर जा रहे हैं, तो फेस मास्क से भी ज्यादा जरूरी हैं, हाथों के दस्ताने, क्योंकि हम हाथों से अनेक वस्तुओं को जाने-अनजाने में छूते हैं, जिससे हाथों में संक्रमण फैल सकता है। फिर हाथ के माध्यम से यह चेहरे या शरीर के अन्य हिस्सों को संक्रमित कर सकता है। बाहर से आने के बाद सबसे पहले दस्तानों को साबुन के घोल में डालें, फिर एक मिनट बाद उसे रगड़ कर धो दें। फिर स्नान करके घरके लोगों से मिलें। ऐसा यदि बार-बार करना पड़े, तो आलस्य न करें, क्योंकि इसी से बचाव होगा।किसी भी ऐसे व्यक्ति से कम-से-कम चार फीट दूर रहें, जो बाहर से आया हो या जिसे सर्दी-जुकाम हो। बाहर जाना जरूरी है, तो घर आकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों से न मिलें, बस दूर से ही बात करें।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
अब बात आती है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की। गौर करें तो पाएंगे कि जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी थी, उन्हें यह संक्रमण जल्दी पकड़ता और जिनका शरीर बीमारी के कारण कमजोर हो चुका उन्हीं की मौत भी हुई। इसलिए किसी संक्रमण से बचने के लिए शरीर का अंदर से मजबूत होना जरूरी है, क्योकि शरीर प्रतिरक्षा शक्ति ही रोगकारक कोशिका को शरीर के अंदर पनपने नहीं देती। यह शक्ति भी दो प्रकार की होती है-तात्कालिक व दीर्घकालिक स्वच्छता, दवा और समय के अनुसार लिए जाने वाले ऽाद्य पदार्थ तात्कालिक रूप से इस शक्ति को तेजी बढ़ाते हैं, जबकि व्यायाम, नींद, अनुशासित भोजन और हंसना, दीर्घकालिक प्रतिरक्षक शक्ति को बढ़ाते हैं। शरीर में विटामिन डी, बी-12, कैल्शियम की कमी शरीर व कमजोर करती है, जिससे कोई भी संक्रमण आसानी से पकड़ लेता है। ठंडी चीजों तथ फ्रिज के पानी के नियमित सेवन से भी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है। धूम्रपान नशा और जंक फूड आदि भी संक्रमण बचने के लिए जरूरी इम्यूनिटी को कम कर देता है। दूसरी ओर विटामिन सी, गेहूं का पानी, ज्वार का जूस, अलसी, तुलसी व अर्क, मुलेठी की चाय, गिलोय तथा पर्ण की कोपलें या उनसे बनी गोली लेने से शरीर शक्तिशाली होता है और रोग से जूझने की उसकी क्षमता बढ़ जाती है।
डॉ0 रजनी तोमर, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक